सोशल मीडिया पर रील्स और शॉर्ट्स स्क्रॉल करना आजकल हमारे जीवन का एक हिस्सा बन गया है। घंटों तक बिना मतलब के स्क्रीन पर उंगलियां चलाना, कंटेंट देखना, उस कुछ सेकंड्स की कंटेंट से क्षणिक प्रेरणा मिलना और तुरंत अगले वीडियो में खो जाना। ये सब कब हमारी आदतों में शुमार हो जाती। हममें से किसी को भी पता नहीं चलता। यह आदत जितनी आकर्षक लगती है, उतनी ही हमारे दिमाग पर असर डालती है। इसी आदत को एक शब्द में समेटा गया है- ब्रेन रोट। जी हां…। आपने सही पढ़ा ब्रेन रोट। ऑक्सफोर्ड ने इसे वर्ड ऑफ द ईयर 2024 चुना है।
जानिए इस शब्द के मायने
ब्रेन रोट, यह शब्द उस स्थिति का वर्णन करता है, जब व्यक्ति का मोबाइल फोन स्क्रॉल करने, सोशल मीडिया नोटिफिकेशन चेक करने, रील्स देखने, और पोस्ट पर लाइक्स-कमेंट्स गिनने में बर्बाद होता है। इसके परिणामस्वरूप, दिमाग बहुत ज्यादा सुस्त हो जाता है, और सही-गलत का निर्णय लेने में व्यक्ति को औसतन अधिक समय लगता है।
ऑक्सफोर्ड के अनुसार, यह शब्द विशेष रूप से सोशल मीडिया पर तुच्छ, बेमतलब की चीजें देखकर दिमाग को थकाने से संबंधित है। इंटरनेट के माध्यम से फोन पर ऐसे कंटेंट को कंज्यूम करना जिससे आपके सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होती है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि युवाओं के बीच इसका उपयोग सैकड़ों गुणा तेजी से बढ़ा है। 2023 की तुलना में 2024 में इस शब्द का इस्तेमाल 230% ज्यादा हुआ।
कैसे चुना जाता है वर्ड ऑफ द ईयर?
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी हर साल डेटा और ट्रेंड्स के आधार पर उस शब्द को चुनती है, जो समाज और भाषा में बड़े बदलावों को दर्शाता है। यह शब्द या वाक्यांश किसी खास समय में व्यापक रूप से चर्चा में आता है और समाज के व्यवहार को परिभाषित करता है। इसके लिए सोशल मीडिया पर लोगों के बीच पोल भी किए जाते हैं, लोगों की प्रतिक्रियाएं देखी जाती हैं। तब जाकर सालभर में किसी एक शब्द को एनालिसिस करके उसे वर्ड ऑफ द ईयर घोषित किया जाता है। वहीं, पिछले साल 2023 का वर्ड ऑफ द ईयर ‘Goblin Mode’ (मतलब: खुद को सहज और गैर-जिम्मेदाराना तरीके से प्रस्तुत करना) को वर्ड ऑफ द ईयर चुना गया था।
सोशल मीडिया का प्रभाव
न्यूयाॅर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड लैंग्वेजेज के अध्यक्ष कैस्पर ग्रैथवोल का कहना है कि ‘ब्रेन रोट’ का चयन दिखाता है कि सोशल मीडिया ने न केवल हमारी भाषा बल्कि हमारे सोचने-समझने, हमारे जीने के तरीके को भी बदल दिया है। रील्स और छोटे-छोटे वीडियो देखकर हमारा ध्यान छोटी-छोटी चीजों पर ज्यादा रहता है, लेकिन गहरी सोच और समझ कमजोर होती जा रही है।
समाज को आईना दिखाता शब्द
‘ब्रेन रोट’ केवल एक शब्द नहीं, बल्कि समाज को आईना दिखाने वाला एक संकेत है। यह शब्द केवल एक ट्रेंड नहीं बल्कि एक चेतावनी भी है। खासतौर पर युवाओं के बीच, जो सोशल मीडिया पर रील्स बनाने और देखने में अपना कीमती समय बर्बाद कर रहे हैं। खतरनाक स्टंट वाली रील्स शूट करना और ऑनलाइन लाइक्स-कमेंट्स के लिए अपना स्वास्थ्य और समय बर्बाद करना, एक गंभीर समस्या बन चुका है। भविष्य में, इस ट्रेंड पर ध्यान देना और डिजिटल डिटॉक्स जैसी आदतें अपनाना जरूरी है, ताकि मानसिक स्वास्थ्य और प्रोडक्टिविटी को बेहतर बनाया जा सके।