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World Cancer Day: जानिए ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण, खतरे, कारण और बचाव

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डब्ल्यूएचओ की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, स्तन कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। वर्तमान में, भारत में हर 4 मिनट में एक महिला स्तन कैंसर की जांच कराती है, जबकि हर 13 मिनट में एक महिला की मृत्यु स्तन कैंसर के कारण होती है। वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फाउंडेशन 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, उस साल वैश्विक स्तर पर 23 लाख ब्रेस्ट कैंसर के मामले देखे गए। यह आंकड़ा स्तन कैंसर को महिलाओं में सबसे आम कैंसर बनाता है। कैंसर के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।

आज दुनिया भर में होने वाली कुल मौतों में कैंसर और ह्रदय रोग प्रमुख कारण हैं। वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फाउंडेशन 2020 की रिपोर्ट में उस साल विश्व में कैंसर के कुल 1.81 करोड़ मामले बताए गए। इनमें ब्रेस्ट कैंसर की संख्या 22.61 लाख थी, जो कुल मामलों का 12.5 फीसद थी। लेकिन अगर हम वास्तव में देखें तो ये संख्या इस रिपोर्ट की 1.5 से 2 गुनी अधिक हैं। एक अध्ययन के मुताबिक, ये बीमारियां रिपोर्ट कम हो पाती हैं, इसलिए ये संख्या कम है। आईसीएमआर की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक देश में 427,273 स्तन कैंसर के मामले सामने आएंगे, जो कि 2020 में 377,830 थी।

ब्रेस्ट कैंसर को समझने के लिए हमने दिल्ली के फोर्टिज हॉस्पिटल की ऑन्कोलोजिस्ट अनिता मलिक से बात की। आगे कुछ सवाल और उनके जवाब हैं, जिनके माध्यम से समझते हैं कि क्या है ब्रेस्ट कैंसर और इसके सामान्य लक्षण, ताकि समय रहते उसका उपचार किया जा सके और रोगी की जान बचाई जा सके।

आपको बता दें कि ब्रेस्ट कैंसर भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर की महिलाओं को होने वाली एक सामान्य बीमारी है। महिलाओं की बॉडी में जब ब्रेस्ट की कोशिकाएं असामान्य रूप से और अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं, तो इससे गांठ (ट्यूमर) बन जाती है। हालांकि इन कोशिकाओं के अनियंत्रित बढ़ने का सटीक कारण अभी तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया है। फिर भी, कुछ फैक्टर ऐसे हैं, जो ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं जैसे-

  1. पारिवारिक इतिहास (फैमिली हिस्ट्री)
  2. माहवारी में गड़बड़ी
  3. देर से गर्भधारण या निःसंतान रहना
  4. रजोनिवृति (मेनोपॉज) के बाद हार्मोनल बदलाव
  5. स्तनपान न कराना (ब्रेस्टफीड न करना)
  6. मोटापा, धूम्रपान और शराब का सेवन

सवाल 1. ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या होते हैं?

जवाब- ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन सामान्य लक्षण कुछ इस तरह हो सकते हैं। ब्रेस्ट या उसके आसपास कोई गांठ महसूस होना, ब्रेस्ट में सूजन या लालिमा होना, निप्पल के आकार या स्थिति में बदलाव होना, निप्पल से असामान्य तरल पदार्थ का रिसाव होना (खासकर खून या पानी जैसा तरल), ब्रेस्ट या अंडरआर्म (बगल) में दर्द या असहजता, ब्रेस्ट की त्वचा का सिकुड़ना या गड्ढे जैसा दिखना।

सवाल 2. किस उम्र में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा सबसे अधिक होता है?

जवाब- ब्रेस्ट कैंसर का खतरा उम्र के साथ बढ़ता है। 40-45 साल की उम्र के बाद खतरा ज्यादा होता है, क्योंकि इस उम्र में हार्मोनल बदलाव तेजी से होते हैं। हालांकि, आजकल कम उम्र की लड़कियों में भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं, जो कि चिंता का विषय है। डॉक्टर ने बताया कि रजोनिवृति (मेनोपॉज) के बाद महिलाओं में यह खतरा और बढ़ जाता है।

सवाल 3. क्या ब्रेस्ट कैंसर का पारिवारिक इतिहास से भी संबंध होता है?

जवाब- हां, अगर आपके परिवार में किसी नजदीकी रिश्तेदार जैसे मां, बहन या बेटी को ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है, तो आपके ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना अधिक हो सकती है। यह आनुवांशिक (जेनेटिक) कारणों से भी होता है। ऐसे लोगों को नियमित जांच और स्क्रीनिंग करानी चाहिए।

सवाल 4. क्या माहवारी में गड़बड़ी या देर से गर्भधारण होने से भी ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है?

जवाब- हां, हार्मोनल बदलाव ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, जिन महिलाओं की माहवारी 12 साल से पहले शुरू हो जाती है या 55 साल के बाद रुकती है, उनमें खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर के अनुसार महिलाएं 30-35 साल के बाद पहली संतान को जन्म देती हैं या निःसंतान रहती हैं, उनमें भी खतरा ज्यादा होता है। देर से गर्भधारण के कारण हार्मोनल असंतुलन इस जोखिम को बढ़ाता है।

सवाल 5. क्या गर्भनिरोधक गोलियां ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन सकती हैं?

जवाब- कुछ अध्ययनों के अनुसार, जो महिलाएं लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग करती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा थोड़ा बढ़ सकता है। हालांकि यह खतरा व्यक्ति के हार्मोनल प्रोफाइल और फैमिली हिस्ट्री पर भी निर्भर करता है। इसलिए गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग डॉक्टर की सलाह से ही करनी चाहिए।

सवाल 6. क्या ब्रेस्टफीडिंग (स्तनपान) ब्रेस्ट कैंसर से बचाव कर सकता है?

जवाब- हां, स्तनपान कराने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है। स्तनपान कराने से हार्मोनल संतुलन बना रहता है, जिससे कैंसर का खतरा घट जाता है। यह ब्रेस्ट की कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है।

सवाल 7. ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है?

जवाब- ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कैंसर के स्टेज पर निर्भर करता है। शुरुआती स्टेज में इलाज के बेहतर परिणाम मिलते हैं। इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि इलाज जितनी जल्दी संभव हो करानी चाहिए। इसके उपचार में सामान्यतः कुछ विधियां अपनाते हैं, ये आगे लिखी हैं।

  1. सर्जरी: कैंसरग्रस्त गांठ को हटाना
  2. कीमोथैरेपी: दवाओं के जरिए कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना
  3. रेडियोथैरेपी: रेडिएशन के जरिए कैंसर को खत्म करना
  4. हार्मोन थैरेपी और टारगेटेड थैरेपी: विशेष परिस्थितियों में उपयोग किया जाता है

सवाल 8. ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय क्या हैं?

जवाब- ब्रेस्ट कैंसर को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ सावधानियां अपनाकर इसके खतरे को कम किया जा सकता है।

  1. स्वस्थ जीवनशैली: नियमित व्यायाम और संतुलित आहार अपनाएं।
  2. मोटापे से बचें: वजन को नियंत्रित रखें।
  3. धूम्रपान और शराब का सेवन न करें।
  4. स्तनपान करें: यह ब्रेस्ट कैंसर से बचाव में मदद करता है।
  5. नियमित जांच: मासिक रूप से ब्रेस्ट की स्वयं जांच करें।
  6. 40 की उम्र के बाद नियमित मैमोग्राफी करवाएं।
  7. तनाव से बचें और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

डाॅ. अनिता मलिक  ने कहा कि अगर आपको अपने शरीर में कोई भी असामान्य बदलाव महसूस हो तो देरी न करें। तुरंत डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि जल्दी पता चलने पर ब्रेस्ट कैंसर का इलाज आसान और सफल हो सकता है। “जागरूकता ही कैंसर का बचाव है!”

डाॅ. अनिता मलिक

 

यह लेख फोर्टिज हाॅस्पिटल, नई दिल्ली की ऑन्कोलोजिस्ट डाॅ. अनिता मलिक से बातचीत के आधार पर लिखा गया है। यह बातचीत भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली के छात्र अजय साह ने की है।


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