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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: आप, भाजपा और कांग्रेस ने कमजोरों के लिए कौन से वादे किए?

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5 फरवरी को दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं और 8 को इसके नतीजे आने हैं। इससे पहले तीनों बड़े दल आप, बीजेपी और कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र जारी कर दिए हैं। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी ढांचे जैसे मुद्दे शामिल हैं। चूंकि भारत में लैंगिक और सामाजिक असमानता अभी भी व्यापक रूप से विद्यमान है। इसलिए हम मानते हैं कि महिलाओं और हाशिए के समुदायों के लिए की गई घोषणाएं चुनावी राजनीति में विशेष महत्व रखती हैं।

इस लेख में हम आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के घोषणापत्रों का रुख करेंगे और देखेंगे कि इनके द्वारा किए गए वादों में महिलाओं, दलितों और हाशिए पर मौजूद समुदायों के लिए क्या घोषणाएं की गई हैं।

आम आदमी पार्टी
बीते 2 बार से दिल्ली विधानसभा का चुनाव आम आदमी पार्टी संयोजक ने पूर्ण बहुमत से जीता है। आप ने दिल्ली की जनता को एक बार फिर अपनी तरफ खींचने के लिए चुनावी घोषणा पत्र में केजरीवाल की 15 गारंटी दी हैं।

आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने घोषणापत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, महिलाओं की सुरक्षा और हाशिए के समुदायों के उत्थान को प्राथमिकता दी है। पार्टी ने मुफ्त बिजली, पानी, और परिवहन सेवाओं को जारी रखने के साथ-साथ रोजगार सृजन और आर्थिक सहायता योजनाओं का वादा किया है। आप का घोषणापत्र ‘दिल्ली मॉडल’ की सफलता को आगे बढ़ाने और एक समावेशी तथा कल्याणकारी राजधानी बनाने के संकल्प को दर्शाता है।

  1. मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत हर महिला को प्रति माह 2100 रुपये देने का वादा किया है। इस योजना का उद्देश्य दिल्ली की महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर सशक्त बनाना है।
  2. दलित समाज को साधने के लिए आप ने दलितों के बच्चों की विदेश में होने वाली पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार द्वारा उठाए जाने की घोषणा की है।
  3. दिल्ली सरकार कोरोना काल से ही ऑटो वालों का विशेष ख्याल रखती दिखी है और उनका समर्थन हमेशा से अपने साथ रखने का प्रयास भी करती रही है। उसी प्रयास में आप ने ऑटो वालों की बेटी की शादी के लिए एक लाख रुपये देने की गारंटी दी है। उनके बच्चों के लिए मुफ्त कोचिंग और ऑटो चालकों के लिए 10 लाख तक का बीमा प्रदान करने की बात कही है।
  4. बुजुर्ग महिलाओं और पुरुषों की सेहत को ध्यान में रखते हुए 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग का किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में मुफ्त में इलाज कराने का वादा किया है। इस योजना को आप ने संजीवनी योजना नाम दिया है।

भारतीय जनता पार्टी
वर्तमान में भारत की सबसे मज़बूत पार्टी भाजपा है। साल 2020 के चुनाव में महज 8 सीटें जीतने वाली बीजेपी 2025 के चुनाव में आप को कड़ी चुनोती पेश करती दिखाई दे रही है। वैसे तो भारत के 19 राज्यों में भाजपा की सरकार मौजूद है, लेकिन देश की राजधानी से 27 वर्षों की दूरी उसे अब खलने लगी है और वो हर कीमत पर अपना वनवास खत्म करना चाहती है। इस उद्देश्य से भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में 16 गारंटी दी हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने घोषणापत्र में बुनियादी ढांचे के विकास, महिलाओं की सुरक्षा, और हाशिए के समुदायों के उत्थान को प्राथमिकता दी है। पार्टी ने स्मार्ट सिटी योजनाओं, रोजगार सृजन, और सामाजिक सुरक्षा के माध्यम से एक समृद्ध और सुरक्षित दिल्ली का वादा किया है। भाजपा का घोषणापत्र “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” की विचारधारा पर आधारित है, जिसमें समग्र विकास पर जोर दिया गया है। पर इसमें उन्होंने महिलाओं और किसान पर कुछ ज्यादा खास ध्यान रखा है।

  1. अगर भाजपा दिल्ली में सरकार बनाती है तो वो गरीब महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के लिए ‘महिला समृद्धि योजना’ के तहत हर महीने 2500 रुपये देने की गारंटी देती है। साथ ही महिलाओं को दिल्ली सरकार की नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण देगी।
  2. पिंक ई-ऑटो लेने वालों 1000 महिलाओं को 80 प्रतिशत सब्सिडी देंगे और 250 सार्वजनिक पिंक शौचालय बनाएंगे, जिसमें सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन होगी और नवजात शिशु के फीडिंग रूम भी बनाएंगे।
  3. ‘मुख्य मंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना’ के तहत गर्ववती महिलाओं को 21,000 रुपये और 6 न्यूट्रिशनल कीट्स देने की गारंटी दी है। होली और दीपावली पर गरीब महिलाओं को एक-एक सिलिंडर मुफ्त और गरीब महिलाओं को 500 रुपये में सिलिंडर मिलने की गारंटी दी है।
  4. मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत लड़कियों की शादी के लिए 50000 रुपये देंगे।
    डॉ बीआर अंबेडकर स्टाइपेंड स्कीम के तहत उन दलित बच्चों को हर महीने 1000 रुपये स्टाइपेंड दिया जाएगा जो आईटीआई, स्किल और पॉलीटेक्निक जैसे कोर्स कर रहे हैं।
  5. दिल्ली के सभी किसानों को पीएम किसान सम्मान योजना के तहत हर साल 9000 रुपये देंगे। ट्रांसजेंडर को सर्टिफिकेट, आइडेंटिटी कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड देंगे जिसकी सहायता से ट्रांसजेंडर भी सरकारी योजना का लाभ उठा सकें। साथ ही उनके के लिए बस में यात्रा मुफ्त देंगे।

इंडियन नेशनल कांग्रेस

दिल्ली में लगातार तीन जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस बीते 2 विधानसभा चुनावों से अपना खाता भी नहीं खोल पाई है। इस करारी हार को जीत में बदलने के लिए कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कई वादे किए हैं। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में समाज के सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए कई कल्याणकारी वादे किए हैं। महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ हाशिए के समुदायों के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। कांग्रेस का घोषणापत्र सामाजिक न्याय की अवधारणा को आगे बढ़ाने और एक समावेशी दिल्ली के निर्माण की दिशा में एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।

  1. कर्नाटक की तरह दिल्ली में भी प्यारी दीदी योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने का वादा किया गया है।
  2. बेसहारा विधवाओं, अनाथ लड़कियों और गरीब लड़कियों की शादी में आर्थिक सहायता के लिए 1.1 लाख रुपये देने का वादा।
  3. दिल्ली की सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों को 4 प्रतिशत आरक्षण और अनुसूचित जातियों के लिए 15 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा।
  4. अनुसूचित जाति को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए 15 प्रतिशत सरकारी ठेके दिए जाएँगे।
  5. दलित समुदाय के लोगों को चार धाम (गौतम बुद्ध की स्थलियों सारनाथ और बोधगया, संत रविदास की स्थली और बाबा साहेब की जन्म स्थली महु) की मुफ्त यात्रा।
  6. LGBTQA+ के छात्रों को छात्रवृति और छात्रावास की सुविधा देंगे, साथ ही शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण मिलेगा।
  7. सरकारी विभागों, संस्थानों और स्कूलों में LGBTQA+ के अधिकारों के प्रति संवेदशीलता ट्रेनिंग देंगे। साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर ट्रांसजेंडर के लिए सार्वभौमिक रूप से सुलभ शौचालय बनाएंगे।

दिल्ली के कालकाजी विधानसभा की रहने वाली 40 वर्षीय ग्रहिणी मीना से “किसका घोषणा पत्र ज्यादा अच्छा लगा आपको” सवाल पूछने पर वो बताती हैं कि उनके हिसाब से कांग्रेस का घोषणा पत्र समावेशी है और उन्होंने हमारे लिए (महिलाओं) अच्छी योजना बनाई है।” मगर जब उनसे पूछा कि वो किसकी सरकार दिल्ली में चाहती हैं तो वो मानती है कि “आप की सरकार आनी चाहिए, क्योंकि कांग्रेस और भाजपा ने बेशक लुभावने वादे किए हों पर मुझे उनपर विश्वास नहीं कि सरकार में आने के बाद वो वादें पूरे करेंगे।”

दिल्ली के ग्रेटर कैलाश विधानसभा में रहने वाली 27 वर्षीय नेहा (मॉल में सेल्स पर्सन का काम करती है) से जब यही सवाल किया तब वो कहती हैं कि “वादे तो हमेशा से हर पार्टी करते आए है और सब एक से बढ़कर एक वादे करते हैं। पर जब दिल्ली में वादे पूरे करने की बात आती है तब कोई नहीं करता। केवल केजरीवाल (आप) ने ही ये काम करके दिखाया है। उन्होंने 200 यूनिट बिजली फ्री, पानी फ्री और बस फ्री कर दी है।”

प्रमुख तीनों दलों ने अपने घोषणा पत्र के केंद्र में महिलाओं को रखा है। उन्होंने लुभावने वादों की मदद से महिलाओं को साधने की कोशिश की है। तीनों ही दल महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए हर महीने कुछ न कुछ पैसे देने की बात करते हैं, तो वहीं दलित समाज को साधने के लिए भी अलग-अलग तरह की नीति अपनाई गई हैं; कोई विदेश में पढ़ाई पर होने वाले खर्च देने की बात कर रहा है, तो कोई उन्हें हर महीने स्टाइपेंड देने का वादा कर रहा है या फिर उन्हें चार धाम की मुफ्त यात्रा कराने की बात कही जा रही है। ट्रांसजेंडर के लिए आप की और से कोई भी स्पष्ट घोषणा नहीं हुई है पर बाकी पार्टी उनकी बस में यात्रा मुफ्त तो सार्वजनिक स्थान पर अलग शौचालय बनाने की बात कह रहे हैं।

यह लेख अंकित गौतम ने लिखा है। अंकित ने भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली से हिन्दी पत्रकारिता की पढ़ाई की है।


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