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2,161 करोड़ के शराब घोटाले मामले में बुरे फंसे पूर्व सीएम बघेल व बेटे चैतन्य

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले के सिलसिले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल, उनके बेटे चैतन्य बघेल और अन्य संबंधित व्यक्तियों के ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी की टीम ने राज्य में 14 स्थानों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया, जिसमें भिलाई स्थित चैतन्य बघेल का आवास भी शामिल था।

2,161 करोड़ के शराब घोटाले को ले हुई छापेमारी

ईडी की मुताबिक, यह मामला 2019 से 2022 के बीच हुए 2,161 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले से जुड़ी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी को कुछ ऐसे सबूत मिले हैं, जिनके तार चैतन्य बघेल से जुड़े हो सकते हैं।

ईडी का मानना है कि इस शराब घोटाले से छत्तीसगढ़ सरकार को भारी राजस्व नुकसान हुआ, और करोड़ों रुपये की अवैध कमाई शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में गई। जांच एजेंसी पहले ही राज्य सरकार के कई नौकरशाहों, शराब कारोबारियों और अन्य लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

छापेमारी के दौरान ईडी की टीम पर हुए हमले

भूपेश बघेल के रायपुर स्थित घर पर छापेमारी के दौरान उस समय तनावपूर्ण माहौल बन गया जब ईडी की टीम बाहर निकली। बाहर जमा भीड़ ने ईडी अधिकारियों पर हमला कर दिया, जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने हमले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है।

ईडी ने चैतन्य बघेल को  बुलाया पूछताछ के लिए

ईडी ने छापेमारी के बाद भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को समन जारी किया और जांच में शामिल होने को कहा। कांग्रेस पार्टी ने इस कार्रवाई को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया और इसे केंद्र सरकार की बदले की राजनीति बताया।

क्या कहा पूर्व सीएम बघेल ने

छापे के बाद भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मेरे घर में ईडी को तीन चीजें मिलीं- मंतूराम और डॉ. पुनीत गुप्ता (डॉ. रमन सिंह के दामाद) के बीच करोड़ों के लेन-देन की पेनड्राइव, डॉ. रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह की सेल कंपनी के दस्तावेज, और पूरे संयुक्त परिवार में खेती, डेयरी, स्त्रीधन व नकदी मिलाकर करीब 33 लाख रुपये, जिसका हिसाब दिया जाएगा।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ईडी कोई ECIR नंबर नहीं बता पाई।

मैं अखबार पढ़ रहा था, तभी ईडी आ गई – बघेल

ईडी की कार्रवाई पर तंज कसते हुए भूपेश बघेल ने कहा, “मैं अखबार पढ़ रहा था और चाय पी रहा था, तभी ईडी की टीम आई। मैंने उनका स्वागत किया। मेरी पत्नी, तीन बेटियां, बेटा, बहू, पोते और पोतियां सब यहां रहते हैं। हम संयुक्त परिवार में 140 एकड़ ज़मीन पर खेती करते हैं, डेयरी चलाते हैं।

विधानसभा में सवाल पूछना हो गया अपराध

बघेल ने आगे कहा कि जब विधानसभा में सवाल पूछो तो ईडी आ जाती है। कवासी लखमा ने सवाल पूछा तो ईडी उनके घर पहुंच गई और 8 दिन में जेल भेज दिया। मैंने गरीबों के आवास के मुद्दे पर सवाल उठाए तो चौथे दिन ईडी मेरे घर आ गई।

उन्होंने कहा कि छापेमारी के दौरान ऐसा माहौल बनाया गया कि नोट गिनने वाली मशीनें लाई गई हैं। मुझे नहीं लगता कि यह बहुत बड़ी रकम है। यह साफ है कि अब विधानसभा में सवाल पूछना अपराध हो गया है।

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