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हाईकोर्ट के आदेश के बाद संभल की जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई का रास्ता साफ, 7 दिन में पूरा करने का निर्देश 

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को उत्तर प्रदेश के संभल स्थित जामा मस्जिद की बाहरी दीवारों की रंगाई-पुताई करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने फैसले की सुनवाई करते हुए कहा कि एक सप्ताह के भीतर एएसआई मस्जिद कमिटी के साथ मिलकर मस्जिद की बाहरी दीवारों की रंगाई पुताई का काम पूरा करे। साथ ही, कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि कमिटी एक सप्ताह के भीतर रंगाई-पुताई का खर्च एएसआई को प्रदान करेगी।

हाईकोर्ट के इस फैसले से मुस्लिम पक्ष यानी कि जामा मस्जिद कमेटी को बड़ी राहत मिली है, इस मामले में अब अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि मस्जिद के बाहरी हिस्सों पर एलईडी लाइट न लगाई जाए। हालांकि फोकस लाइटों के सहारे मस्जिद की बाहरी हिस्सों को सजाने की छूट कोर्ट ने दी है।

हिंदू पक्ष ने फैसले पर जताई नाराजगी 

बता दें कि रमजान शुरू होने से पहले मस्जिद कमेटी ने एएसआई को शाही जामा मस्जिद की रंगाई, सफाई और मरम्मत की इजाजत मांगी थी। लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया गया था, जिसके बाद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसपर फैसला सुनाते हुए एएसआई को साफ-सफाई की जिम्मेदारी सौंपी। कोर्ट के इस फैसले पर हिंदू पक्ष ने नाराजगी जताई, हिंदू पक्ष ने आरोप लगाया कि रंगाई-पुताई के बहाने मस्जिद के निर्माण में छेड़छाड़ की जा सकती है।

मस्जिद कमिटी ने रमजान के अवसर पर एएसआई से अजान को जारी रखने की अनुमति मांगी थी। लेकिन एएसआई ने इस पर 11 फरवरी को पत्र के माध्यम से मस्जिद कमिटी को बताया था कि यह ढांचा एक संरक्षित ढांचा है और इसमें किसी प्रकार के कार्य करने के लिए एएसआई का आदेश जरूरी है और एएसआई अभी यह आदेश नहीं दे सकती है। एएसआई के आदेश का विरोध करते हुए मस्जिद कमिटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रूख किया।

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एएसआई के निगरानी में होगी रंगाई-पुताई 

कोर्ट में मस्जिद कमिटी की ओर से सैय्यद अहमद फैजान और जहीर असगर ने कहा कि कमिटी हमेशा से बिना किसी रुकावट के मस्जिद की साफ-सफाई और मरम्मत करते आए हैं, वहीं एएसआई की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय कुमार सिंह, केन्द्रीय स्टैंडिंग काउंसिल कुमार रवि सिंह, अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह और प्रभास पांडे ने अपना पक्ष रखा।

इस पर कोर्ट ने एएसआई को मस्जिद की मरम्मत, साज सज्जा और रंगाई पुताई की जरूरत को जांचने का आदेश दिया था। कोर्ट में एएसआई ने अपने जवाब में बताया कि मस्जिद में किसी प्रकार की रंगाई पुताई या मरम्मत की जरूरत नहीं है। 12 मार्च को कोर्ट ने एएसआई के जवाब को संतोषजनक न मानकर एएसआई की निगरानी में ही मस्जिद की बाहरी दीवारों की रंगाई-पुताई का आदेश जारी किया।

क्या है विवाद

संभल की जामा मस्जिद का विवाद तब शुरू हुआ जब हिंदू पक्ष ने दावा किया कि यह स्थल पहले एक मंदिर था। अधिवक्ता हरिशंकर जैन और अन्य 7 लोगों की ओर से दायर याचिका पर संभल की सिविल कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था।

सर्वे की कार्रवाई शुरू होते ही संभल में धार्मिक हिंसा भड़क उठी थी, जिससे इलाके में तनाव फैल गया था। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।

8 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई 

सुप्रीम कोर्ट ने प्लेसेज ऑफ वरशिप (स्पेशल प्रोविजन) एक्ट की वैधानिकता पर सुनवाई लंबित रहने तक देशभर के न्यायालयों को धार्मिक संरचनाओं से जुड़े विवादों में आदेश देने से रोक लगा दी। इस कारण संभल की जामा मस्जिद से जुड़े मुख्य मामले की सुनवाई भी फिलहाल स्थगित है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी।

यह लेख प्रत्युष कुमार सिन्हा  ने लिखा है। प्रत्युष भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली में हिन्दी पत्रकारिता के छात्र हैं।

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