38 जिलों वाले बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटे हैं। यहां राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दोनों स्तर की पार्टियां हैं, हालांकि क्षेत्रीय दलों का दबदबा ज्यादा है। बिहार की राजनीति में जाति हमेशा से अपेक्षाकृत अधिक महत्वपूर्ण भूमिका में रही है।
पार्टियों की बात करें तो राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा और कांग्रेस है। वहीं क्षेत्रीय स्तर के दलों में जनता दल यूनाइटेड(JDU), राष्ट्रीय जनता दल(RJD), लोक जनशक्ति पार्टी(LJP), हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) समेत अन्य हैं।
धर्म के स्तर पर देखें तो बिहार एक हिन्दू बहुल राज्य है। यहां करीब 81.99 फीसदी मतदाता हिन्दू, 17.70 फीसदी मुस्लिम हैं। बाकी में ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध शामिल हैं।
जातियों की बात करें तो राजपूत, भूमिहार, ब्राह्मण और कायस्थ उच्च जातियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) में दो पायदान हैं- उच्च पायदान पर यादव, कुर्मी और कोइरी जैसी जातिया हैं। वहीं निम्नतम पायदान पर कहार, कुम्हार, लोहार, तांती, तेली और धानुक जैसी जातिया हैं।
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कहते हैं कि बिहार में चुनावी राजनीति को दो व्यापक संदर्भों में देखा जाता है। पहला- स्वतंत्रता के बाद जाति के आधार पर होने वाली राजनीति। दूसरा- साल 1990 के बाद के दौर में मंडलीकरण और उसके बाद की राजनीति
अगर 2022 की जनजाति- आधारित सर्वे की बात करें तो बिहार में वर्गों का बटबारा कुछ इस तरह है।
वर्ग- प्रतिशत
EBC (Extremely Backward Classes)- 36.01 %
OBC (Other Backward Classes)- 27.12 %
SC (Scheduled Castes)- 19.65 %
ST (Scheduled Tribes)- 1.68 %
General– 15.52 %
NOTE- EBC + OBC = 63.13%