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मांगने से भीख नहीं मिलता है, टिकट मिलेगा? बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने पर और क्या बोले कन्हैया?

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बिहार में विधानसभा चुनावों की गहमागहमी तेज हैं। इस बीच एक सवाल ये भी है, क्या कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार बिहार में चुनाव लड़ेंगे? 2 बार लोकसभा चुनाव हारने वाले कन्हैया कुमार क्या इस बार विधानसभा चुनाव में हाथ आजमाते दिखाई देंगे?

वोटर अधिकार यात्रा में सड़क-सड़क कांग्रेस के साथ घूमने वाले कन्हैया से जब विधानसभा चुनाव की टिकट मांगने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा- मांगने से भीख नहीं मिलता है, टिकट मिलेगा? पढ़िए सवाल और उनके जवाब।

विधानसभा चुनाव लड़ने पर क्या बोले कन्हैया कुमार?

बिहार तक पर बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार से पूछा गया, बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे या नहीं? इस पर कन्हैया बोले, लड़ेंगे पूरी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इस तरह पहली बार में उन्होंने सवाल को गोलमोल कर दिया।

सवाल को फिर से दोहराया गया तो कन्हैया बोले, जिस दिन टिकट मिलेगा, फॉर्म मिलेगा, कांग्रेस पार्टी का सिंबल मिलेगा। उस दिन बताएंगे।

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मांगने से भीख नहीं मिलता, टिकट मिलेगा?

बात को आगे बढ़ाते हुए टिकट मांगने पर सवाल किया गया, आप टिकट मांगेंगे या नहीं। इस पर कन्हैया बोले, मांगेंगे कभी नहीं। कन्हैया ने जोर देते हुए कहा, हम मांग कर चुनाव नहीं लड़ेंगे। मांगने से भीख नहीं मिलता है, टिकट मिलेगा?

कभी भी अपने मन से चुनाव नहीं लड़ा

हम अपने हक के लिए लड़ने वाले हैं। मांगने वाले नहीं हैं। कन्हैया ने बताया दोनों बार चुनाव लड़ा और पार्टी के डायरेक्टिव से मिले। जब सीपीआई में थे, तो सीपीआई ने चुनाव लड़ने के लिए कहा और बेगुसराय से चुनाव लड़े। अपने मन से नहीं लड़ लिए।

जब कांग्रेस में हैं, तो कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली से चुनाव लड़ने को कहा तो दिल्ली से चुनाव लड़ लिए।

चुनाव को लेकर आपके मन में क्या है?

चुनाव लड़ने की बात पर कन्हैया लगातार बात को गोलमोल करते हुए नजर आए। अगली बार पूछा गया, आपके मन की बात क्या है? इस पर कन्हैया ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए तंज कसना शुरू कर दिया।

मन की बात इस देश में सिर्फ अवतार पुरुष कर सकते हैं। नॉन बायोलॉजिकल हैं। हम लोग मन की बात कैसे कर सकते हैं?

राष्ट्रीय राजनीति में रहना चाहते हैं या राज्य की?

जब पूछा गया, इतना बता दीजिए कि राष्ट्रीय राजनीति में रहना चाहते हैं या बिहार की राज्य की राजनीति में? इस पर बोले- आज के समय में भेद मिट गया है। सत्ता का केंद्रीकरण, शक्ति का केंद्रीकरण है, लुटेरों का गठजोड़ है तो लड़ाई के लिए मैदान नहीं देखना चाहिए।

जहां रहेंगे, वहीं लड़कर घुटना अड़ाकर इनसे भिड़ेंगे। ये नहीं है कि दिल्ली रहें या बिहार में रहें।

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दो बार चुनाव लड़े, दोनों बार मिली हार

आपको बताते चलें कि कन्हैया कुमार ने दो बार लोकसभा चुनाव लड़ा है। दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।

पहली बार, साल 2019 में बिहार के बेगूसराय से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के तहत चुनाव लड़ा। भाजपा नेता गिरिराज सिंह के सामने खड़े कन्हैया को महज 22.02 फीसदी वोट मिले थे, जबकि गिरिराज सिंह को 57.01 फीसदी।

दूसरी बार, कन्हैया ने कांग्रेस की टिकट पर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से चुनाव लड़ा। इस बार मुकाबला भाजपा के दिग्गज नेता मनोज तिवारी के साथ था। यहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। मनोज तिवारी को 824451 वोट तो वहीं कन्हैया को 685673 वोट मिले।

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