---Advertisement---

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मैट्रिक फेल, हत्या के आरोप में गए जेल; प्रशांत किशोर का बड़ा आरोप

---Advertisement---

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी पर मैट्रिक फेल होने और सदानंद सिंह की हत्या के मामले में जेल जाने का आरोप लगाया है। पीके ने सम्राट चौधरी पर ‘नाम बदलने का विशेषज्ञ’ और ‘नाम बदलू नेता‘ कहकर व्यंग्य कसा है।

प्रशांत किशोर ने प्रेस वार्ता के दौरान बोले, हमने आपको बताया था कि इनका नाम राकेश कुमार था। बाद में इनका नाम राकेश कुमार उर्फ सम्राट चौधरी हुआ। पीके ने दावा करते हुए कहा, ये पूरी सच्चाई नहीं है। इनका ओरिजनल नाम है, सम्राट कुमार मौर्य। पीके ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को प्रशांत किशोर ने नाम बदलने का विशेषज्ञ बताया।

सदानंद सिंह की हत्या का लगाया आरोप

पीके ने दावा करते हुए कहा, 1998 में इनके ऊपर मर्डर का इल्जाम लगा था। पीके ने बताया, कांग्रेस के बड़े नेता और इनके परिवार के राजनीतिक विरोधी सदानंद सिंह की बम से मारकर हत्या कर दी गई। उस केस में आज के सम्राट चौधरी और तब के सम्राट कुमार मौर्य आरोपी थे। जेल गए और छह महीना के बाद जेल से निकले। पीके ने आरोप लगाया कि इन्हें नाबालिग होने के नाम पर जेल से निकाला गया।

इसे भी पढ़ें-  छत्तीसगढ़-झारखंड के बाद अब बिहार में अडानी प्रोजेक्ट पर बवाल; 1 रुपये में 1050 एकड़ जमीन लीज पर!

नाबालिग होने के चलते जेल से छूटे

पीके ने बिहार की जनता से कहा, आप लोग जाग जाइए। आपका उप मुख्यमंत्री मर्डर का आरोपी रहा है। वह जेल में रहा है। जेल से बस इसलिए छूटे कि इन्होंने ये प्रमाण दे दिया कि ये नाबालिग हैं। पीके ने आगे बताया, बिना विधानसभा परिषद के सदस्य हुए इन्हें मंत्री बनाया गया था। जब मंत्री बने तो कम उम्र होने की वजह से इन्हें बर्खास्त किया गया।

सम्राट चौधरी को बताया मैट्रिक फेल

सम्राट चौधरी कहते हैं कि ये मामला पुराना हो गया और सब सेटल हो गया। पीके ने आरोप लगाते हुए कहा, क्या सैटल नहीं हुआ है, अब हम आपको बताते हैं।

1998 में सुप्रीम कोर्ट में सम्राट चौधरी द्वारा जो दस्तावेज जमा किया गया, उसके आधार पर वो मैट्रिक फेल हैं। अदालत में जमा किए गए हलफनामें में उनकी उम्र का निर्धारण किया गया है। उस दस्तावेज के मुताबिक सम्राट कुमार मौर्य मैट्रिक की परीक्षा पास नहीं किए हैं। उनको 224 नंबर आने के कारण फेल कर दिया गया है। पीके ने बताया इसका दूसरा प्रमाण ये है कि सम्राट चौधरी ने 2010 में जब अपना हलफनामा दिया , तो उसमें लिखा कि वे सातवीं पास हैं।

ये भी पढ़ें- जब नीतीश कुमार को टीचर की बेटी से हुआ प्यार, फिर क्यों अधूरी रह गई बचपन की लव स्टोरी?

मैट्रिक पास नहीं किया, फिर डी लिट कैसे किया?

पीके ने पूरे बिहार के युवाओं से सवाल पूछने को कहा, इस राज्य के डिप्टी सीएम बताएं कि उन्होंने मैट्रिक कब पास किया? आगे कहा, जो व्यक्ति मैट्रिक भी पास नहीं किया है, वो दावा कर रहा है कि उसने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया से डीलिट किए हुए है। पीके ने कहा, इलेक्शन कमीशन भी नहीं पूछ रहा है कि भाई तुमने अपने हलफनामें में सातवीं पास बताया है, मैट्रिक पास नहीं किया है फिर डी लिट कैसे कर लिया। बताइए मैट्रिक कब पास किया? पीके ने कहा, ये हैं नाम बदलू नेता।

Join WhatsApp

Join Now

---Advertisement---

Leave a Comment