6 अक्तूबर को देश की सर्वोच्च अदालत के मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई. पर वकील राकेश किशोर ने ‘सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान’ का नारा लगाते हुए जूता फेंकने की कोशिश की। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व सदस्य की इस हरकत पर प्रधानमंत्री मोदी समेत तमाम लोगों ने आलोचना की। हालांकि जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील ने कहा- ना मैं माफी मांगने वाला हूं। ना ही मुझे अफसोस है। परमात्मा ने जो कराया, वो मैंने किया।
CJI बोले, मुझे फर्क नहीं पड़ता
जूता फेंके जाने की घटना के बाद बी आर गवई ने अदालत में मौजूद वकीलों से अपनी दलीलें जारी रखने को कहा। उन्होंने कहा- “इस सबसे परेशान न हों। मैं भी परेशान नहीं हूं, इन चीजों से मुझे फर्क नहीं पड़ता।”
पूछताछ के बाद वकील को छोड़ दिया
घटना के बाद जूता फेंकने वाले वकील को सुप्रीम कोर्ट कैंपस में हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पुलिस के मुताबिक, अदालत के अधिकारियों ने मामले में कोई शिकायत नहीं की। इसलिए बातचीत के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने आरोपी वकील राकेश किशोर का लाइसेंस रद्द कर दिया था।
मैं नशे में नहीं था, मैंने रिएक्शन किया
एएनआई से बातचीत में कहा- “मैं हिंसा के खिलाफ हूं, लेकिन आप ये भी देखिए एक अहिंसक आदमी को ये सब क्यों करना पड़ा। मैं भी कम पढ़ा लिखा नहीं हूं। मैं भी एमएससी, पीएचडी एलएलबी गोल्ड मेडलिस्ट हूं। ऐसा नहीं है कि मैं नशे में था या मैंने गोलियां खा रखी थीं। उन्होंने एक्शन किया और मैंने रिएक्शन किया।”
परमात्मा ने जो कराया, वो मैंने किया
राकेश किशोर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा- “मुझे बिल्कुल भी अफसोस नहीं है। ना… ना… ना मैं माफी मांगने वाला हूं। ना ही मुझे अफसोस है। मैंने कुछ भी नहीं किया है। आप मेरे ऊपर सवाल उठा रहे हैं। परमात्मा ने जो कराया, वो मैंने किया। मैं कर्ता नहीं महज साक्षी हूं। उसने करवाया उसकी इच्छा पूरी हुई। उसकी इच्छा होगी कि मैं जेल जाऊं या मुझे फांसी लगा दी जाए या मार दिया जाए। वो परमात्मा की इच्छा है।”
पीएम मोदी ने क्या कहा
चीफ जस्टिस पर हमले की कोशिश के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने बीआर गवई से बात की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैंने भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई से बात की। आज सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुआ हमला हर भारतीय को क्रोधित कर गया है। हमारे समाज में ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है। यह बेहद शर्मनाक है।”