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झारखंड में पेट्रोल-डीजल होगा महंगा, आखिर किस लिए सेस लगाने की तैयारी

प्रतीकात्मक तस्वीर
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झारखंड में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं। राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल पर दो से तीन रुपए सेस कर लगाने की विचार कर रही है। सेस लगाने के पीछे वजह यह बताई जा रही है कि अब सरकार बनने के बाद राज्य में सड़क निर्माण का कार्य तेज होना है। और इसके लिए पथ निर्माण विभाग ने इस संबंध में नियमावली का प्रारूप तैयार कर लिया है, जिसे वाणिज्य कर विभाग से मंजूरी मिल चुकी है। अब यह प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा, जहां से अंतिम मुहर लगेगी।

कैसे होगा सेस का निर्धारण ?

सेस की दर अभी तय नहीं हुई है। इस पर मंथन जारी है और अंतिम फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, यह प्रस्ताव इसी सप्ताह के अंत तक लागू किया जा सकता है। सरकार का मानना है कि इस निर्णय से राज्य के खजाने को हर साल लगभग 350 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। पहले वैट बढ़ाने का विचार था, लेकिन बाद में सेस लगाने का विकल्प चुना गया।

झारखंड में वर्तमान टैक्स व्यवस्था

झारखंड में पेट्रोल और डीजल पर फिलहाल 22 प्रतिशत वैट लागू है। इसके तहत पेट्रोल पर 22 प्रतिशत वैट या 17 रुपये प्रति लीटर, जो अधिक हो वह वसूला जाता है। वहीं, डीजल पर 22 प्रतिशत वैट या 12.50 रुपये प्रति लीटर, जो अधिक हो वह रेट लागू होता है। वर्तमान में रांची में पेट्रोल की कीमत 97.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.62 रुपये प्रति लीटर है।

अन्य राज्यों की तुलना में कीमतें

झारखंड के मुकाबले अन्य राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अधिक हैं। 26 दिसंबर तक विभिन्न राज्यों की राजधानियों में कीमतें इस प्रकार थीं:

रांची: पेट्रोल 97.86, डीजल 92.62

पटना: पेट्रोल 105.58, डीजल 94.32

दिल्ली: पेट्रोल 94.77, डीजल 87.67

लखनऊ: पेट्रोल 94.69, डीजल 87.81

रायपुर: पेट्रोल 100.66, डीजल 94.04

सेस लगाने की वजह

राज्य सरकार का कहना है कि सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए अतिरिक्त फंड की जरूरत है। सेस एक ऐसा टैक्स है, जो किसी विशेष उद्देश्य के लिए लगाया जाता है। राज्य में सड़कों की स्थिति सुधारने और विकास कार्यों को गति देने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।

वैट और सेस में फर्क

वैट एक व्यापक कर प्रणाली है, जो केंद्र सरकार द्वारा अमूमन सभी वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होती है। वहीं, सेस राज्य सरकार द्वारा विशेष उद्देश्यों अथार्त राजस्व बढ़ाने या फंड जुटाने के लिए लगाया जाता है। झारखंड सरकार सड़क निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए इस विशेष कर को लागू करने की योजना बना रही है।

सेस लगने से उपभोक्ताओं पर असर

अगर यह सेस लागू होता है, तो राज्य में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर से भी अधिक पहुंच सकती हैं। इससे आम जनता की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। खासकर परिवहन और लाॅजिस्टिक्स से जुड़े क्षेत्रों में इसका असर स्पष्ट रूप से देखने को मिलेगा। सरकार के इस फैसले पर जनता और विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है। जहां एक ओर इसे सड़कों के विकास के लिए जरूरी कदम बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इससे आम जनता पर बढ़ने वाले वित्तीय बोझ को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

 

 

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