बसपा के संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में मायावती ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा- “जब ये सरकार में होते हैं तो न इन्हें PDA याद आता है और न ही मान्यवर कांशीराम जी की जन्मतिथि और पुण्यतिथि याद आती है।” इसके साथ ही सपा द्वारा PDA के गुणगान को मायावती ने उनका दोहरा चरित्र बताते हुए अखिलेश यादव से दो टूक सवाल किया।
सत्ता में होने पर PDA और कांशीराम जी याद नहीं आते
मायावती ने कार्यक्रम में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा- “अब जब समाजवादी पार्टी सरकार से बाहर है, तो दो-तीन दिन पहले मीडिया में खबर छपवा रहे थे कि मान्यवर कांशीराम जी के सम्मान में संगोष्ठी करेंगे।” मायावती ने हमलावर होते हुए कहा- “जब ये सरकार में होते हैं तो न उन्हें PDA याद आता है और न ही मान्यवर कांशीराम जी की जन्मतिथि और पुण्यतिथि याद आती है।
लेकिन, जब वो सत्ता से बाहर हो जाते हैं तो सपा को याद आता है कि हमें संगोष्ठी करनी चाहिए।”
मायावती ने अखिलेश यादव से किया सवाल
मैं सपा मुखिया अखिलेश यादव से पूछना चाहती हूं, अगर मान्यवर कांशीराम जी के प्रति आपका इतना ही आदर था, तो यूपी में जब मेरी सरकार थी तो मेरी सरकार ने अलीगढ़ मंडल में कासगंज के नाम से अलग से जिला बनाया और उस जिले का नाम मान्यवर कांशीराम जी के नाम से रखा था। लेकिन, जैसे ही समाजवादी पार्टी सरकार में आई, उन्होंने नाम बदल लिया।
ये भी पढ़ें- मायावती ने भाजपा का जताया आभार, सपा पर बरसते हुए अखिलेश को लिया आड़े हाथ
ये उनका दोहरा चरित्र नहीं तो और क्या
मायावती ने कहा- “मान्यवर कांशीराम जी के नाम पर हमने कॉलेज यूनिवर्सिटी अनेकों संस्थानों के नाम रखे। जनहित की योजनाएं शुरू कीं। सारी की सारी अधिकांश बड़ी योजनाओं को समाजवादी पार्टी ने बंद कर दीं। ये इनका दोगला या दोहरा चरित्र नहीं है तो क्या है।”
सपा के दोगले चरित्र से रहें सावधान
मायावती ने बरसते हुए कहा- “जब ये सत्ता में रहते हैं, तो न तो इन्हें पीडीए याद आता है और न ही पीडीए के संत महागुरु हैं, वो याद आते हैं। जब ये सत्ता से बाहर हो जाते हैं, तब इन्हें ध्यान आता है। ऐसे दोगले लोगों से आपको बहुत सावधान रहने की जरूरत है। समाजवादी पार्टी जबरन पीडीए आदि की हवा हवाई बातें करके इन वर्गों को गुमराह करने में लगी है।”