Pooja Kumari

बिहार के छपरा में रहने वालीं पूजा कुमारी स्वतंत्र शोधार्थी के तौर पर काम करती हैं। उन्होंने मैत्री कॉलेज, डीयू से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन और लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर विमेन से इसी विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद दिल्ली स्थित PPF नामक संस्था कि मुख्य समन्वयक और शोधकर्ता भी रही हैं| इस दौरान उन्होंने कई प्रोजेक्ट पर काम किया है। इनके कार्य क्षेत्र में महिला एवं बाल सुरक्षा, मानवाधिकार-जेलों की स्थिति, लोक नीतियों आदि शामिल विषय शामिल है| 1- PPF द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट “INCARCERATED GENDER: A STUDY OF WOMEN PRISONERS IN BIHAR JAILS” (2020-2024)” में शोधकर्ता के तौर पर काम किया। 2- इसी संस्था की‘POCSO Act Since 2012: Its Implementation, Impact and Future Pathways’ रिपोर्ट में शोधकर्ता एवं परियोजना समन्वयक रहीं। 3- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की परियोजना "Custodial Deaths: Trends and Patterns in Jharkhand, Bihar and West Bengal” (2009-2018) पर अध्ययन के लिए मुख्य शोधकर्ता एवं परियोजना समन्वयक रह चुकी हैं।

बिहार चुनाव 2025: क्या शिक्षा बनेगी वोट की सबसे बड़ी कसौटी?

इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते हैं, राज्य की राजनीति में हलचल तेज़ ...

खाट पर मरीज को ले जाते ग्रामीण।

खाट की बैसाखियों पर लटकती जिंदगियां और मौन लोकतंत्र; आजादी के 77 साल बाद भी सड़क का इंतज़ार

“रोड नहीं तो वोट नहीं, पहले रोड बाद में वोट…” यह सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि बिहार के आरा जिले के शाहपुर प्रखंड के ...

POCSO cases and poor health facilities in Bihar, rape victim dies while waiting for treatment

बिहार में पॉक्सो केस और बदहाल स्वास्थ्य सुविधाएं: इलाज की आस में 10 वर्षीय रेप पीड़िता की मौत

बिहार के मुज्जफरपुर में दस साल की मासूम बच्ची के साथ रेप का मामला देश भर में उस वक्त तूल पकड़ा, जब इलाज के ...

खोता बचपन, बिकती मासूमियत: जानिए कैसे देश के लाखों बच्चे बन रहे हैं तस्करी का शिकार

भारत जैसे विकासशील देश में, जहां एक ओर शिक्षा और बाल अधिकारों पर बात की जाती है, वहीं दूसरी ओर बाल तस्करी एक गंभीर ...