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सपनों का बोझ या समाज का दबाव: कब रुकेगी छात्रों की आत्महत्या?

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जेईई मेन सेशन वन का रिजल्ट जारी होते ही गोरखपुर की एक छात्रा की दुनिया उजड़ गई। सफलता की दौड़ में पिछड़ने का डर और समाज के तानों ने उसे इतना तोड़ दिया कि उसने आत्महत्या जैसा खौफनाक कदम उठा लिया।हर साल लाखों छात्र आईआईटी और मेडिकल में जाने का सपना देखते हैं और जेईई और नीट की परीक्षा की तैयारी में जुट जाते हैं। रिजल्ट के आने के बाद कुछ आसमान छूते हैं, तो कुछ जमीन पर गिर जाते हैं।

समाज और परिवार की उम्मीदों का बोझ कई युवाओं को इस हद तक दबा देता है कि वे जिंदगी की दूसरी राहें देख ही नहीं पाते। यह कहानी है गोरखपुर के बेतियाहाता स्थित गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली 18 वर्षीय अदिति मिश्रा की। दो साल से दिन-रात मेहनत कर रही अदिति की आंखों में भी एक सपना था कि वह भी आईआईटी में पढ़कर इंजीनियर बनेगी। लेकिन जब जेईई मेन सेशन वन का रिजल्ट आया, तो वह पूरी तरह टूट गई और उसने सुसाइड कर लिया।

यह सिर्फ एक अदिति की नहीं, उन हजारों छात्रों की कहानी है जो कोटा, दिल्ली और पटना जैसे शहरों में रहकर आईआईटी जेईई, नीट या अन्य प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। बात करें अगर साल 2025 की तो पिछले डेढ़ महीने में अब तक सात छात्रों ने आत्महत्या कर ली।

12 फरवरी 2025: गोरखपुर की 18 वर्षीय आईआईटी जेईई स्टूडेंट अदिति मिश्रा ने हाॅस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

11 फरवरी 2025: सवाई माधोपुर के 18 वर्षीय NEET अभ्यर्थी अंकुश मीना ने आत्महत्या कर ली।

22 जनवरी 2025: गुजरात की 24 वर्षीय NEET अभ्यर्थी अशफा शेख और असम के 17 वर्षीय JEE अभ्यर्थी ने आत्महत्या कर ली। दो घंटों के अंतर पर दोनों मामले सामने आए।

17 जनवरी 2025: बूंदी जिले के JEE की तैयारी कर रहे स्टूडेंट ने कुंडे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर लिया था।

16 जनवरी 2025: ओडिशा के अभिजीत गिरी आईआईटी जेईई स्टूडेंट ने अंबेडकर कॉलोनी में अपने छात्रावास के कमरे में छत के पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली।

8 जनवरी 2025: मध्य प्रदेश के गुना के आईआईटी जेईई स्टूडेंट 20 वर्षीय अभिषेक ने अपने पीजी रूम में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली।

7 जनवरी 2025: हरियाणा के महेंद्रगढ़ के रहने वाले आईआईटी जेईई स्टूडेंट नीरज ने अपने हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली।

लाइव हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोटा में आत्महत्या के मामलों में पुलिस का कहना है कि जो मामले पुलिस में रिपोर्ट किए जाते हैं, उसकी संख्या तो हमारे पास दर्ज होती हैं और उसी से एनसीआरबी की रिपोर्ट बनती है। पुलिस का कहना है कि ऐसे मामले कम रिपोर्ट होते हैं और यदि उन आंकड़ों को भी देखें तो सिर्फ कोटा जैसे शहर में इतने आत्महत्या के मामले हर साल आ रहे हैं।

आत्महत्या से जुड़े वार्षिक आंकड़ें

 

क्या कहती है आईसी 3 की रिपोर्ट

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट “छात्र आत्महत्या: भारत में फैलती महामारी” को आईसी3 सम्मेलन और एक्सपो 2024 के दौरान जारी किया गया। इस रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि भारत में आत्महत्या की घटनाओं में हर साल औसतन 2 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। वहीं, छात्रों द्वारा आत्महत्या के मामलों में, कम रिपोर्टिंग के बावजूद, यह दर 4 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

इस रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, यूपी और झारखंड में सबसे ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। जबकि राजस्थान का कोटा शहर आत्महत्या के मामलों में 10वें नंबर पर है।

क्या है आईसी 3 संस्थान

आईसी संस्थान एक स्वायत्त संस्थान है जो स्कूलों में करियर और कालेज परामर्श को बढ़ावा देने के लिए पूरी दुनिया में काम करता है। यह शिक्षकों और परामर्शदाताओं को प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान करता है ताकि वे छात्रों को उच्च शिक्षा और करियर विकल्पों के बारे में सही मार्गदर्शन दे सकें।


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