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बंगाल में चुनाव से पहले फिर गरमाई हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति

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पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की राजनीतिक तैयारी अभी से शुरू हो गई है। हाल ही में रामनवमी के आयोजन और वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर बीजेपी और टीएमसी के बीच जिस प्रकार का टकराव देखने को मिला, उससे यह साफ हो गया है कि आगामी चुनाव में धार्मिक ध्रुवीकरण एक अहम मुद्दा बनने जा रहा है।

बीजेपी जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का लाभ उठाकर ममता बनर्जी और टीएमसी के 15 साल पुराने शासन को समाप्त करने की कोशिश में है, वहीं टीएमसी की रणनीति भाजपा को सत्ता से दूर रखने की है। इसके लिए दोनों पक्षों की ओर से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति देखी जा रही है।

रामनवमी पर बीजेपी का जुलूस के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन

रामनवमी के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में 2000 से अधिक शोभायात्राएं निकालीं। इन आयोजनों में भगवा ध्वज और पारंपरिक हथियारों के साथ बीजेपी नेताओं की सक्रिय भागीदारी देखी गई। खासकर मालदा के मोथाबाड़ी में रामनवमी की रिहर्सल के दौरान हुई झड़प को भाजपा ने ममता सरकार के खिलाफ बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना लिया है।

इस घटना के बाद ममता सरकार ने रामनवमी के दिन भारी पुलिस बल की तैनाती कर स्थिति को नियंत्रण में रखा। बीजेपी के धार्मिक मुद्दों का जवाब देने के लिए टीएमसी एक बार फिर ‘माँ, माटी और मानुष’ के साथ बंगाली अस्मिता को चुनावी मुद्दा बना सकती है।

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राम मंदिर की आधारशिला और राजनीतिक संकेत

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने पूर्वी मेदिनीपुर के सोनाचूरा गांव में राम मंदिर की आधारशिला रखी। इसके साथ ही उन्होंने शहीद मीनार से सोनाचूरा तक एक रैली निकाल कर चुनावी बिगुल भी बजा दिया। इससे साफ है कि बीजेपी धार्मिक भावनाओं को राजनीतिक रूप से भुनाने की रणनीति पर काम कर रही है।

वक्फ कानून पर टीएमसी का रुख

ममता बनर्जी ने मुस्लिम समुदाय को आश्वस्त करते हुए कहा कि बंगाल में किसी भी हाल में केंद्र का वक्फ संशोधन कानून लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि बंगाल सरकार धर्म के आधार पर किसी प्रकार का विभाजन नहीं होने देगी। दीदी ने जियो और जीने दो का संदेश देते हुए कहा कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और उनकी संपत्ति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।

मुर्शिदाबाद में हिंसा और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप

वक्फ कानून के विरोध में मुर्शिदाबाद के जंगीपुर में हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसमें स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इस पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने टीएमसी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि रामनवमी के दौरान हिंसा फैलाने में विफल रहने के बाद अब टीएमसी वक्फ कानून के नाम पर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है। इन घटनाओं से स्पष्ट है कि पश्चिम बंगाल में चुनावी माहौल धीरे-धीरे धार्मिक रंग लेने लगा है, जहां दोनों प्रमुख दलों की रणनीति अपने-अपने कोर वोटबैंक को साधने की है।

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