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लद्दाख हिंसा: उपद्रवियों ने भाजपा दफ्तर जलाया, सोनम वांगचुक हिरासत में लिए गए, जानिए मांगें

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पूर्ण राज्य की मांग को लेकर पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने 10 सितंबर को अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया था।
लेकिन, 24 सितंबर को हिंसा भड़क उठी। भीड़ काबू से बाहर हो गई। आंदोलनकारियों ने भाजपा कार्यालय और सरकारी इमारतों पर हमले किए। इस हमले में भाजपा कार्यालय को आग के हवाले कर दिया।

इस हिंसा में 4 लोगों की मौत और सैकड़ों लोगों के घायल होने की खबर सामने आ चुकी है। राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत 26 सितंबर को सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया और उनका एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया। लद्दाख में पुलिस बल की तैनाती, कर्फ्यू और इंटरनेट बंदी कर दी है।

वांगचुक की गिरफ्तारी क्यों हुई? सरकार का आरोप है कि वांगचुक और अन्य नेताओं के भड़काऊ भाषणों ने युवाओं को हिंसा के लिए उकसाया। लेकिन, वांगचुक ने कहा कि असली मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

लद्दाख आंदोलन की प्रमुख मांगे क्या हैं?

1- पूर्ण राज्य का दर्जा
2019 में जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद से लद्दाख को केन्द्रशासित प्रदेश का दर्जा प्राप्त है। लोगों की मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए, ताकि उन्हें अपनी विधानसभा और राजनीतिक अधिकार मिल सकें।

2- संवैधानिक सुरक्षा
मांग की जा रही है कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में स्थान दिया जाए, ताकि वहां के आदिवासी और मूल निवासियों की जमीन, संस्कृति, भाषा, संसाधनों आदि की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

3- शिक्षा संरक्षण और रोजगार
युवाओं में बढ़ रही बेरोजगारी और नौकरी के कम होते अवसरों को लेकर भी मांगे की जा रही हैं। लोगों का मानना है कि बाहरी लोग उनके संसाधनों पर अधिकार जमा सकते हैं।

4- पर्यावरण सुरक्षा
जलवायु की दृष्टि से लद्दाख हिमालय क्षेत्र में स्थित है। यह क्षेत्र ग्लेशियर, नदियों और पहाड़ों से घिरा एक संवेदनशील पारिस्थितिकी वाला क्षेत्र है। जलवायु परिवर्तन और अव्यवस्थित विकास का खतरा भी आंदोलन के मुद्दों में शामिल है।

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