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नेपाल का Gen Z प्रोटेस्ट: के पी शर्मा को देना पड़ा था इस्तीफा, PM की रेस में कौन से नाम आगे?

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नेपाल में 8 सितंबर को शुरू हुआ Gen Z प्रोटेस्ट फिलहाल थमता नजर आ रहा है, लेकिन अब एक नई किस्म की चुनौती सामने आ रही है। ये चुनौती फिर से एक सरकार स्थापित करने की है। हिंसक प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। अब वहां कोई सरकार नहीं है। जानिए पीएम के चेहरे के तौर पर कौन से नाम सामने आ रहे हैं।

पीएम पद के लिए आगे आ रहे 3 प्रमुख नाम
केपी शर्मा ओली के इस्तीफ़े के बाद अब नेपाल का अगला पीएम कौन होगा इसपर सबसे बड़ा प्रश्नचिन्ह है । ऐसे में पीएम की कुर्सी के रेस में कुछ नामों को लेकर चर्चायें तेज़ हो गई है:

पहले दावेदार, सुशीला कार्की
पीएम की दौड़ में सबसे पहला नाम नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायधीश सुशीला कार्की का है। ये अपनी भ्रष्टाचार विरोधी शख्सियत के लिए जानी जातीं हैं ।

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दूसरे दावेदार, बालेन शाह
इस दौड़ में दूसरा नाम बालेन शाह का है, जो काठमांडू के मेयर हैं। पेशे से बालेन रैपर व इंजीनियर हैं। उन्होंने अपने रैप गानों के ज़रिए कई बार सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को उठाया है ।

तीसरे दावेदार, कूलमान घिसींग
पीएम पद के दावेदारों में तीसरा नाम कूलमान घिसींग का भी है। ये नेपाल में लाइट-मैन के नाम से चर्चित हैं।
कूलमान ने अपने काबिलियत के दम पर घाटे में डूबे नेपाल विद्युत प्राधिकरण (Nepal Electricity Authority) को मुनाफ़े में बदला।

Gen Z प्रोटेस्ट करने वाले लोग कौन?
ये प्रदर्शन मुख्य रूप से युवा और स्कूली-कॉलेज के छात्र कर रहें हैं । इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार यह आंदोलन 8 सितंबर को ‘हामी नेपाल’ नामक एनजीओ द्वारा आयोजित किया गया था। एनजीओ ने छात्रों से अपील की थी कि वे स्कूल ड्रेस या कॉलेज यूनिफॉर्म पहनकर आएं और साथ में अपनी किताबें व बैग भी लेकर आएं।

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Gen Z प्रोटेस्ट करने की क्या वजहें?
यह आंदोलन भ्रष्टाचार के मामलों और सरकार द्वारा 26 सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स (जैसे फ़ेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब) पर लगाए गए प्रतिबंध के विरोध में हुआ। प्रदर्शन की शुरुआत 8 सितंबर को सुबह 9 बजे मैतीघर, काठमांडू से हुई। इसके बाद भीड़ ने न्यू बानेश्वर स्थित संसद भवन की ओर कूच किया और वहाँ पुलिस से झड़प हो गई।

सोशल मीडिया बैन हटाया गया
देश में बिगड़ते हालात को देखते हुए 9 सितंबर को नेपाल के संचार, सूचना एवं प्रसारण मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने सरकार की आपात बैठक बुलाई। इसके बाद उन्होंने घोषणा की — “सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटा दिया है।”

इस्तीफ़ों का दौर
नेपाल में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। विरोध प्रदर्शनों और हिंसा के बीच प्रधानमंत्री ओली समेत सरकार के ज्यादातर मंत्री देश छोड़कर भाग चुके हैं। उनके जाने के बाद से मंत्रियों के इस्तीफ़ों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। अब तक गृहमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और कृषि मंत्री समेत कुल 10 मंत्री अपने पद छोड़ चुके हैं।

अब तक कितनी मौतें और कितने घायल?
दैनिक भास्कर के रिपोर्ट के अनुसार अब तक 34 लोगों की जानें जा चुकी हैं तो वहीं घायलों की संख्या 1500 से ज़्यादा बताई जा रही। हिंसा में आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी आरजू राणा देउबा पर जानलेवा हमला किया। वहीं, गुस्साई भीड़ ने नेपाल के वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को भी सड़कों पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।

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