रांची नगर निगम के अर्बन हेल्थ सेंटरों में सेवा देने वाले डॉक्टरों, नर्सों, एमपीडब्ल्यू और अन्य स्टाफ की स्थिति पिछले तीन महीनों से बेहद दयनीय हो गई है। तीन महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण 120 कर्मी आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। यह समस्या केवल उनके जीवन पर ही असर नहीं डाल रही, बल्कि निगम के 24 वार्डों में इलाज कराने वाले हजारों मरीजों को भी प्रभावित कर रही है।
दवाइयों की कमी से जूझ रहा मणि टोला हेल्थ सेंटर
वार्ड नंबर 45 स्थित मणि टोला और 42 स्थित शुक्ला कालोनी का अर्बन हेल्थ सेंटर में दवाइयों की भारी कमी है। पिछले 2-3 महीने से इस केंद्र पर सेट्रिजिन, अमोक्सिसिलिन, एरिथ्रोमाइसिन बच्चों की विटामिन की दवा, खांसी की सिरप व अन्य जरूरी एंटीबायोटिक दवाइयां उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। ऐसे में मरीजों का इलाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
जांच के उपकरण खराब, जांचें ठप
वार्ड नंबर 45 स्थित मणि टोला और वार्ड नंबर 42 स्थित शुक्ला कालोनी केंद्रों पर पर बीपी मशीन और हीमोग्लोबिन स्टिक खराब हो चुकी हैं। इन उपकरणों की अनुपलब्धता के कारण ठंड में ज्यादातर मरीजों की बीपी जांच नहीं हो पा रही है। कहीं पर तो हीमोग्लोबिन की जांच नहीं हो पा रही हैं। यह समस्या महीने से बनी हुई है, इसे लेकर केेंद्र के इंचार्ज ने नगर निगम को कई बार शिकायत भी की, लेकिन निगम प्रशासन ने इसे ठीक कराने की कोई पहल नहीं की।

नहीं है बिजली और पानी की कोई सुविधा
नगर निगम के वार्ड नंबर 8 स्थित तिरिल, 42 स्थित शुक्ला कालोनी, 45 स्थित मणि टोला और 46 स्थित कृष्णापुरी के केंद्रों पर पानी तक नहीं आता है। स्वास्थ्य केंद्र शुरू हुए लगभग डेढ़ वर्ष अब होने को हैं लेकिन पानी की सुविधा अब तक नहीं की गई है। वहीं 42 स्थित शुक्ला कालोनी में बिजली और पानी दोनों की। शुक्ला कालोनी हिनू स्थित हेल्थ सेंटर में पानी के लिए 200 मीटर दूर जाना पड़ता है, जबकि पीने के पानी के लिए बाजार से खरीदना पड़ता है।
साफ- सफाई के लिए देने पड़ रहे अपने जेब से पैसे
वार्ड नंबर 8 और वार्ड नंबर 46 के अर्बन हेल्थ सेंटर के इंचार्ज ने बताया कि एक बार शुरूआत में फिनायल और डिटर्जेंट आदि दी गई। लेकिन पिछले करीब छह माह से अपने जेब से पैसे खर्च करके सफाई के सामग्री खरीदने पड़ रहे हैं। इस संबंध में निगम को कई बार शिकायत की, लेकिन उधर से जवाब आता है, छोटे खर्चों के लिए कितना बार-बार निगम के पास रोना रोते हैं।

सरकार ने अर्बन हेल्थ सेंटर की शुरूआत की जिससे कि जिले के दूर दराज इलाके में जो लोग रहते हैं, उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य लाभ मिल सके और छोटे-मोटे इलाज के लिए शहर का रुख न करना पड़े। जब यह केंद्र ही अव्यवस्था और संसाधनों की कमी का शिकार होंगे, तो मरीजों का इलाज और देखभाल कैसे होगी? यह सवाल न केवल नगर निगम की कार्यप्रणाली पर बल्कि पूरे स्वास्थ्य तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े करती है। नगर निगम के अर्बन हेल्थ सेंटरों की यह स्थिति चिंताजनक है। जहां एक तरफ वेतन न मिलने से कर्मियों का मनोबल गिर रहा है, दवाइयों और उपकरणों की कमी से मरीजों को असुविधा हो रही है, और बुनियादी सुविधाओं के अभाव ने स्वास्थ्य सेवाओं को पंगु बना दिया है।
स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती और सुधार की सबसे पहली प्राथमिकता है निगम की। अर्बन हेल्थ सेंटर का उद्देश्य लोगों को नजदीक और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं देना है। संसाधनों की कमी और अव्यवस्थाओं को जल्द ही दूर किया जाएगा। हम कर्मियों की समस्याओं का समाधान जनवरी के पहले सप्ताह में कर, केंद्रों को पूरी तरह क्रियाशील बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। (आनंद शेखर झा, सहायक लोक स्वास्थ्य पदाधिकारी, नगर निगम रांची)