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नारीवादी माँ की स्वतंत्र पहचान और पितृसत्तात्मक बेटे की दास्तां सुनाता मानव कौल का नाटक ‘त्रासदी’

कल्पना कीजिए आपको पता चले कि आपकी माँ किसी से प्यार करती है और उससे शादी करना चाहती है। क्या आप इस रिश्ते को ...