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TVF Metropolitan Review: बड़े शहर की छोटी पर ज़रूरी समस्याएँ को दिखाती सीरीज

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TVF (The Viral Fiver) की कोई सीरीज यूट्यूब पर आए और उसके बारे में चर्चा न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। Metropolitan बिहार के छोटे से गाँव से मुंबई जैसे बड़े शहर में काम करने आए रजत की कहानी है। रजत कैसे मुंबई की वर्क लाइफ और पार्टी लाइफ को मैनेज करता है। मुंबई के रूप में ढालने के लिए जैसे मुंबई की जीवनशैली अपनाता हैं। सब कुछ मज़ेदार तरीके से दर्शकों के सामने पेश किया गया है।

सीरीज को किसी एक नहीं कई लेखकों ने लिखा है, जो बात सीरीज के हर एपिसोड को यादगार बना देती है। सीरीज की कहानी मुंबई में रह रहे कुछ युवा कैसे अपनी ज़िन्दगी में करियर, रिश्तों, वित्तीय संघर्षों और सप्ताहांत की भागदौड़ के बीच तालमेल बिठाता है, जो धीमा होने से इनकार करती है पर आधारित है।

सीरीज में situational comedy का बेहतरीन उपयोग किया गया है। सीरीज के लेखक के रूप में बद्री, जस्सी, स्वर्णदीप बिस्वास और अन्य कुछ लोग हैं। लेखकों ने misogynist और hypocristic जैसी बातों को हास्य के ज़रिए कुछ यूँ पेश किया है कि समाज के दोगलेपन को सामने भी रख दो और देखने वाले को समस्या भी न हो। TVF की राइटिंग हर बार लाज़वाब होती है।


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सीरीज TVF के यूट्यूब चैनल पर देखने को मिल जाती है। सीरीज में 20 से 23 मिनट के 10 एपिसोड हैं। हर एपिसोड रजत के सामने बड़े शहर की छोटी पर ज़रूरी समस्या ला खड़ी करता है। फिर रजत अपने दोस्तों के साथ मिल कर उन समस्याओं से डील करता दिखता है। ऐसा बिल्कुल नहीं कि पूरी सीरीज केवल रजत पर ही ध्यान केंद्रित रखती है। सीरीज में हर क़िरदार अपनी ज़िन्दगी के हिसाब से अलग-अलग समस्याओं से डील करता है।

इस सीरीज में हर क़िरदार की अलग पहचान है। सादिक, बद्री, शिवांगी, जस्सी और केविन सबके पास अपनी-अपनी समस्याएँ होती है, पर काफी बार दर्शकों को ये समस्या गैरज़रूरी लग सकती हैं। पर सच्चाई तो यही है न कि इन गैरज़रूरी समस्याओं को ही तो हम लोग अहमियत देते हैं। इन गैरज़रूरी समस्याओं ने ही तो मज़ेदार किस्से दिए हैं।

हालाँकि सीरीज दर्शकों को पूरी तरह मनोरंजित करने में कोई कमी नहीं छोड़ी पर सीरीज काफी बार घटनाओं को exaggerate कर देती है कि वो वास्तव में सच हो मुश्किल लगता है। पर यही वास्तविक नहीं लगने वाली सच्ची घटनाएं ही तो कहानी बनती है।


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सीरीज को साहिल वर्मा (जो सीरीज में बीच-बीच में दिखते भी हैं) और हरीश पेद्दिन्ति ने डायरेक्ट किया है। डायरेक्शन अच्छी हैं। हर दृश्य दर्शकों के मन मे छाप जाता है। सीरीज का टाइटल मैट्रोपोलिटन यानी महानगर सीरीज के अन्त होते होते पूरी तरह जस्टिफाई हो जाता है।

TVF की ये सीरीज छोटे शहर या गाँव से बड़े शहरों की ओर प्रस्थान करने वाले युवाओं की ज़िन्दगी को हास्य और चुटकुले के चटखारों के साथ दर्शकों के सामने लाती है। सीरीज बड़ी से बड़ी समस्या को हास्य रूप में ऐसे पेश करती है कि देखने वाले हर इंसान को ये कहानी अपनी लगती हैं। या फिर वो इस ज़िन्दगी को जीना चाहता है।

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