- भारतीय जनता पार्टी ने 2025 का दिल्ली विधानसभा चुनाव जीत लिया है। 27 साल बाद सत्ता में वापसी कर रही पार्टी ने अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज करते हुए कुल 48 सीटें अपने नाम की हैं। मगर अब सबसे बड़ा सवाल है कि भाजपा के किस नेता के हांथ होगी दिल्ली की कमान, माने ‘दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा?’
मुख्यमंत्री के चुनाव में भाजपा की रणनीति
भाजपा ने दिल्ली का यह चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा, भाजपा ऐसा हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और कई राज्यों के चुनाव में कर चुकी है। हरियाणा, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों की बात करे तो वहाँ भाजपा ने किसी नामी नेता को मुख्यमंत्री नहीं बनाया, भाजपा ने ऐसे कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी जो जनता के बीच में से था। साथ ही भाजपा ने जिस-जिस राज्य में सरकार बनाई वहाँ-वहाँ वो दो उप मुख्यमंत्री चुनती, जो जातियों को साधने का काम करते। इसका सबसे बड़े उदहारण दिल्ली से सटे राज्य उत्तरप्रदेश और हरियाणा हैं।
क्या दिल्ली में भी होंगे दो उप-मुख्यमंत्री
इसी बीच दूसरा सवाल ये सामने आता है कि क्या भाजपा दिल्ली में भी दो उप मुख्यमंत्री बना सकती है? इसकी उम्मीद तो जनता में कम है पर ऐसा होना संभव है, क्योंकि 2014 के बाद देखा जाए तो भाजपा ने अलग-अलग समुदायों को खुश करने के लिए दो-दो उप मुख्यमंत्री चुने का फॉर्मूला अपनाया है।
कौन कौन हैं मुख्यमंत्री के दावेदार
प्रवेश वर्मा- प्रवेश वर्मा जाट समुदाय से आते हैं, ये दो बार सांसद रह चुके हैं और साथ ही उन्होंने नई दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी के संयोजक और मुख्यमंत्री के दावेदार अरविंद केजरीवाल को 4089 वोटों से मात दी। बता दें कि प्रवेश वर्मा बाहरी दिल्ली से आते हैं और साथ ही वो पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे भी हैं। इन कारणों की वजह से वर्मा सीएम के प्रमुख दावेदार हैं। बता दें कि चुनाव में जीत हासिल करने के बाद वो गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात करने गए थे।
विजेंद्र गुप्ता- विजेंद्र गुप्ता वैश्य समुदाय से आते हैं, ये दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं और साथ ही AAP के खिलाफ 2015 और 2020 दोनों हैं विधानसभा चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की है। 2015 में जब भाजपा के केवल 3 विधायक थे तो उनमें से एक गुप्ता ही थे। इसके बाद 2020 चुनाव में भी उन्होंने अपनी सीट पर पकड़ बनाई रखी। विजेंद्र गुप्ता पिछली दो बार दिल्ली विधानाभ में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं और वो दिल्ली की समस्या को भली भांति समझते हैं।
सतीश उपाध्याय- सतीश उपाध्याय ब्राह्मण समुदाय से आते हैं, ये भी दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके साथ भी वो दिल्ली युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी हैं। संगठन में कई जिम्मेदारी संभालने के साथ साथ इनके पास प्रशासनिक अनुभव भी है। ये मध्य प्रदेश के श प्रभारी रहे हैं और इनकी संघ में भी पकड़ अच्छी है।
आशीष सूद- आशीष सूद भाजपा के पंजाबी चेहरे हैं, ये पार्षद भी रहे हैं और दिल्ली भाजपा के महासचिव भी रह चुके हैं। वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के सह प्रभारी और गोआ के प्रभारी भी हैं। बता दें कि इन्होंने कॉलेज के समय ही राजनीति करने शुरू कर दिया था जिस कारण ये डीयू अध्यक्ष भी बने थे।
जितेंद्र महाजन- जितेंद्र महाजन वैश्य समुदाय से आते हैं। विजेंद्र गुप्ता के साथ ही जितेंद्र महाजन भी लगातार भाजपा से तीसरी बार दिल्ली में। विधयक बने हैं। बता दें कि जितेंद्र महाजन आरएसएस के करीबी भी हैं।
दिल्ली विधानसभ 2025 चुनाव से पहले जनता की जुबान पर भाजपा से रमेश बिधूड़ी का नाम भी था। दिल्ली से इन्कम्बेंट मुख्यमंत्री आतिशी से कालकाजी सीट पर हारने के बाद उनका नाम ओझल हो गया है। देखने वाली बात है कि इनमें से किस विधायक को भाजपा मुख्यमंत्री बनाएगी। बता दें कि 27 साल पहले दिल्ली में भाजपा से मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज रही थीं।
यह लेख अंकित गौतम ने लिखा है। अंकित ने भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली से हिन्दी पत्रकारिता की पढ़ाई की है।
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